अनाज बैंक से लाभार्थी महिलाएं अपने
आपको कमजोर, असहाय महसूस न करें। यह बैंक उनको अनाज के रूप में मदद करने के
साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी प्रयासरत है। इस सम्बन्ध में कई
समाजसेवी लोगों से बातचीत हो रही है जो समय-समय पर विभिन्न कार्यों में आप महिलाओं
को प्रशिक्षित करेंगे, इससे एक तो आपकी आय भी बढ़ेगी और आत्मविश्वास भी आएगा। ये
विचार बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक की महाप्रबंधक डॉ० अमिता सिंह ने जोनल कार्यालय, उरई में जून माह के दूसरे वितरण कार्यक्रम में 24 जून 2018 को व्यक्त किये। उनका कहना था कि समाज से बहुत से लोग बराबर अनाज
बैंक से जुड़ रहे हैं, इसके बाद भी और जागरूक लोगों का बैंक से जुड़ना अपेक्षित है।
अनाज वितरण में सहयोगी रहे सामाजिक
कार्यकर्त्ता डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि अनाज बैंक पूरी जिम्मेवारी से
अपना काम कर रहा है। बिना किसी सरकारी सहायता के गणमान्य नागरिकों के सहयोग से यह
पुनीत कार्य सतत संचालित है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अनाज वितरण के अतिरिक्त
अन्य समाजोपयोगी कार्यों का सञ्चालन भी अनाज बैंक द्वारा किया जायेगा, जिसमें इसकी
लाभार्थी महिलाओं की सहभागिता रहेगी।
आज के वितरण में साठ से अधिक लाभार्थी
महिलाएं उपस्थित रहीं। इस अवसर पर धर्मेन्द्र, मनोज के अतिरिक्त सुशीला, अनीता, रामकुंवर,
नसरीन, जगरानी, रामरती, रामदेवी आदि लाभार्थी महिलायें उपस्थित रहीं। जुलाई माह का
पहला अनाज वितरण 08 तारीख, रविवार को प्रातः 9 बजे
होगा।