भूख
से लड़ाई में अनाज बैंक की सराहनीय भूमिका : सुनील चौहान
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कोई
भी भूखा न सोये के उद्देश्य के साथ संचालित अनाज बैंक अत्यंत सराहनीय कार्य कर रहा
है. वृद्ध, मजबूर महिलाओं को अनाज वितरण करके
अनाज बैंक पवित्र भावना के साथ सामाजिक कार्य कर रहा है. उक्त विचार बुन्देलखण्ड
के पहले अनाज बैंक के जोनल कार्यालय, उरई में अक्टूबर माह के दूसरे अनाज वितरण के
दौरान एसएस कंप्यूटर के सुनील सिंह चौहान द्वारा व्यक्त किये. उन्होंने अनाज बैंक
के अनाज वितरण व्यवस्था को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड
में समय के साथ भूख एक समस्या बनती जा रही है. इसके साथ-साथ समाज में वृद्धजनों के
प्रति संवेदनहीनता ने भी स्थिति ख़राब की है. ऐसे में वृद्ध महिलाओं के जीवनयापन का
संकट पैदा हो जाता है. अनाज बैंक के इस कदम से उन महिलाओं को नया जीवन मिला है.
इस
वितरण के अवसर पर नगर की समाजसेवी अभिलाषा यादव द्वारा सौ किलो चीनी के साथ
जमाकर्ता के रूप में खाता खुलवाया गया. उन्होंने कहा कि अनाज बैंक नियमित रूप से
अपना कार्य कर रहा है. उनका सहयोग भूख के खिलाफ चल रहे आन्दोलन में एक छोटा सा कदम
है. इसके द्वारा आगामी माह होने वाले दीपावली के पावन पर्व के लिए महिलाओं में
ख़ुशी लाने का एक प्रयास है.
अनाज बैंक की निदेशक डॉ० अमिता सिंह ने अनाज बैंक की
भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि अगले माह अनाज बैंक की उरई शाखा अपना
एक वर्ष पूर्ण कर रही है. इस अवसर पर महिलाओं को अनाज वितरण, उनके स्वावलंबन के
साथ-साथ ऐसे बच्चों को भी गोद लेने का विचार है जो बेसहारा हैं. अनाज बैंक उनकी
शिक्षा, रहन-सहन, खान-पान की जिम्मेवारी उठाएगा. इस सम्बन्ध में अनाज बैंक के
चेयरमैन और संस्थापक डॉ० राजीव श्रीवास्तव से विस्तार में चर्चा हुई और उनकी सहमति
इस सम्बन्ध में प्राप्त हुई.
आज
के वितरण में लक्ष्मी, किरण, परवीन, सुशीला, जीनत, मीना, गुलिश्मा आदि सहित लगभग नब्बे
महिलाओं को अनाज वितरित किया गया. इस वितरण में प्रमोद पोरवाल, भरत सेठ, पौरवी राणावत, उदित
यादव, धर्मेन्द्र कुमार, रोहित ठाकुर, डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर आदि ने भी सहयोग
किया. अगला वितरण एक नवम्बर को होगा. गत वर्ष इसी दिन उरई में अनाज बैंक की शुरुआत
हुई थी.