Monday 23 April 2018

अनाज बैंक महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी प्रयासरत है


विश्व के पहले अनाज बैंक के संस्थापक और चेयरमैन डॉ० राजीव श्रीवास्तव की प्रेरणा से डॉ० अमिता सिंह के निर्देशन में संचालित बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक द्वारा अप्रैल माह का दूसरा अनाज वितरण कार्यक्रम जोनल कार्यालय, उरई में संपन्न हुआ। इस बैंक के द्वारा प्रतिमाह दो बार अनाज का वितरण किया जाता है। अप्रैल माह के दूसरे अनाज वितरण कार्यक्रम में ऑक्सफ़ोर्ड एकेडमी की निदेशक शशि सोमेन्द्र सिंह और समाजसेवी रचना मिश्रा द्वारा संयुक्त रूप से लाभार्थी महिलाओं को अनाज वितरित किया गया। इस माह के दूसरे वितरण में लगभग साठ महिलाओं को इसका लाभ मिला। अनाज वितरण के दिन आज विश्व पृथ्वी दिवस का अवसर होने के चलते उपस्थित महिलाओं को समझाया गया कि कैसे वे अपने कार्यों से पृथ्वी को सुरक्षित बनाये रख सकती हैं। शशि सोमेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आज हम सबकी जिम्मेवारी है कि हम लोग अपने कार्यों को इस तरह का रखें जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहे। हमें प्लास्टिक, पॉलीथीन आदि का उपयोग कम से कम करने की आवश्यकता है। समाजसेवी रचना मिश्रा ने उपस्थित लाभार्थी महिलाओं को समझाया कि वे लोग अपने आपको कमजोर, असहाय महसूस न करें। अनाज बैंक के रूप में एक मंच उनके साथ है जो उनको अनाज के साथ-साथ स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी प्रयासरत है। 


बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक की बुन्देलखण्ड जोन की महाप्रबंधक डॉ० अमिता सिंह ने उपस्थित लाभार्थी महिलाओं को वहां संचालित होने वाले सिलाई प्रशिक्षण में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने को प्रोत्साहित किया। उनका कहना था कि यहाँ जल्द ही महिलाओं को प्रशिक्षित करके कपड़े के लिफाफे, झोले आदि बनवाकर बाजार में बिक्री हेतु भेजा जायेगा। इससे एक तरफ हम सभी लोग पॉलीथीन मुक्त समाज की संकल्पना में सहयोगी बनेंगे साथ ही आप महिलाओं को आर्थिक मदद भी मिल सकेगी। युवा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि अनाज बैंक एक ऐसा मंच है जो ऐसी महिलाओं की प्रतिभा को भी निखारने के काम करेगा जो अपने को असहाय समझते हुए किसी काम को करने में झिझकती हैं। अनाज वितरण के द्वारा किसी को भूखा न सोने देने के साथ-साथ एक छोटा सा प्रयास ऐसी महिलाओं को एक मंच पर लाना भी इसका उद्देश्य है।  इस मौके पर बताया गया कि अनाज बैंक का लाभ पाने के लिए बहुत से आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनका सर्वेक्षण मई के पहले सप्ताह में किया जायेगा और पात्र महिलाओं को अनाज वितरण का लाभ मिलेगा।


अनाज बैंक की स्वावलंबन सम्बन्धी योजना के अंतर्गत इस माह की पहली तारीख से महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई सिखाने की व्यवस्था भी कार्यालय पर की गई है। यहाँ महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद उनके बनाये गए वस्त्रों को बाजार तक भी पहुँचाया जायेगा। इससे इन महिलाओं में स्वावलंबन की भावना का विकास होगा। अनाज बैंक का उद्देश्य इन महिलाओं को सिर्फ अनाज देना भर नहीं है वरन उनको आत्मनिर्भर भी बनाना है।


इस अवसर पर धर्मेन्द्र कुमार सहित अनेक मीना, नसरीन, रामकुंवर, पानकुंवर, बबीता आदि लाभार्थी महिलाओं सहित अनेक लोग उपस्थित हुए। मई माह का पहला अनाज वितरण 11 तारीख को प्रातः 10 बजे से किया जायेगा। 




अनाज वितरण कार्यक्रम - अप्रैल 2018 (2)

वितरण करती अनाज बैंक बुन्देलखण्ड जोन की महाप्रबंधक डॉ० अमिता सिंह 


समाजसेवी रचना मिश्रा 



उपस्थित लाभार्थी महिलाएं 

ऑक्सफ़ोर्ड एकेडमी की निदेशक शशि सोमेन्द्र सिंह 

वृद्ध महिला की सहायता करते धर्मेन्द्र कुमार 





हस्ताक्षर करती लाभार्थी महिला 


धर्मेन्द्र कुमार 

Sunday 8 April 2018

अनाज वितरण कार्यक्रम - अप्रैल 2018 (1)

वितरण करतीं महाप्रबंधक, बुन्देलखण्ड जोन डॉ० अमिता सिंह 



उपस्थित लाभार्थी महिलायें


वितरण करते धर्मेन्द्र कुमार 





अनाज बैंक का उद्देश्य महिलाओं को अनाज देना नहीं वरन उनको आत्मनिर्भर बनाना भी है

जनपद जालौन के उरई में संचालित विश्व के और बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक द्वारा अप्रैल माह का पहला अनाज वितरण कार्यक्रम उरई स्थित जोनल कार्यालय में संपन्न हुआ। अनाज बैंक, उरई द्वारा प्रतिमाह दो बार अनाज का वितरण किया जाता है। अनाज का वितरण समाज की चिन्हित बुजुर्ग, असहाय महिलाओं को किया जाता है। अनाज बैंक में जनपद के और जनपद से बाहर के कई प्रतिष्ठित लोगों द्वारा लगातार सहयोग किया जा रहा है। अप्रैल माह के पहले अनाज वितरण को अनाज बैंक महाप्रबंधक, बुन्देलखण्ड जोन डॉ० अमिता सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने आज के वितरण के पश्चात् बताया कि आज लगभग साठ महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला। इस मौके पर उन्होंने उन सभी महिलाओं को भी भरोसा दिलाया जिनके आवेदन अनाज बैंक का लाभ पाने के लिए मिले हैं। उन्होंने बताया कि अनाज बैंक के नियमानुसार उनका सर्वेक्षण कर जल्द ही जरुरतमंद महिलाओं को इसका लाभ दिया जायेगा।  


अनाज बैंक की स्वावलंबन सम्बन्धी योजना के अंतर्गत इस माह की पहली तारीख से महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई सिखाने की व्यवस्था भी कार्यालय पर की गई है। इसके लिए पंद्रह महिलाओं ने अपना पंजीकरण करवाया था, जिसमें से दस महिलाएं प्रशिक्षण के लिए आने लगी हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताते हुए संजना श्रीवास्तव ने कहा कि यह कदम सक्षम महिलाओं को स्वावलंबी बनाये जाने के लिए उठाया गया है। यहाँ महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद उनके बनाये गए वस्त्रों को बाजार तक भी पहुँचाया जायेगा। इससे इन महिलाओं में स्वावलंबन की भावना का विकास होगा। अनाज बैंक का उद्देश्य इन महिलाओं को सिर्फ अनाज देना भर नहीं है वरन उनको आत्मनिर्भर भी बनाना है। 


इस अवसर पर संजना श्रीवास्तव, ममता मिश्रा, धर्मेन्द्र, मनोज, सर्वेश सिंह, ओंकार पिंडारी, सुभाष चंद्रा, डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सहित अनेक लोग उपस्थित हुए। अप्रैल माह का दूसरा अनाज वितरण चौथे रविवार, 22 तारीख को प्रातः 10 बजे से किया जायेगा।