Sunday 8 April 2018

अनाज बैंक का उद्देश्य महिलाओं को अनाज देना नहीं वरन उनको आत्मनिर्भर बनाना भी है

जनपद जालौन के उरई में संचालित विश्व के और बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक द्वारा अप्रैल माह का पहला अनाज वितरण कार्यक्रम उरई स्थित जोनल कार्यालय में संपन्न हुआ। अनाज बैंक, उरई द्वारा प्रतिमाह दो बार अनाज का वितरण किया जाता है। अनाज का वितरण समाज की चिन्हित बुजुर्ग, असहाय महिलाओं को किया जाता है। अनाज बैंक में जनपद के और जनपद से बाहर के कई प्रतिष्ठित लोगों द्वारा लगातार सहयोग किया जा रहा है। अप्रैल माह के पहले अनाज वितरण को अनाज बैंक महाप्रबंधक, बुन्देलखण्ड जोन डॉ० अमिता सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने आज के वितरण के पश्चात् बताया कि आज लगभग साठ महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला। इस मौके पर उन्होंने उन सभी महिलाओं को भी भरोसा दिलाया जिनके आवेदन अनाज बैंक का लाभ पाने के लिए मिले हैं। उन्होंने बताया कि अनाज बैंक के नियमानुसार उनका सर्वेक्षण कर जल्द ही जरुरतमंद महिलाओं को इसका लाभ दिया जायेगा।  


अनाज बैंक की स्वावलंबन सम्बन्धी योजना के अंतर्गत इस माह की पहली तारीख से महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई सिखाने की व्यवस्था भी कार्यालय पर की गई है। इसके लिए पंद्रह महिलाओं ने अपना पंजीकरण करवाया था, जिसमें से दस महिलाएं प्रशिक्षण के लिए आने लगी हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताते हुए संजना श्रीवास्तव ने कहा कि यह कदम सक्षम महिलाओं को स्वावलंबी बनाये जाने के लिए उठाया गया है। यहाँ महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद उनके बनाये गए वस्त्रों को बाजार तक भी पहुँचाया जायेगा। इससे इन महिलाओं में स्वावलंबन की भावना का विकास होगा। अनाज बैंक का उद्देश्य इन महिलाओं को सिर्फ अनाज देना भर नहीं है वरन उनको आत्मनिर्भर भी बनाना है। 


इस अवसर पर संजना श्रीवास्तव, ममता मिश्रा, धर्मेन्द्र, मनोज, सर्वेश सिंह, ओंकार पिंडारी, सुभाष चंद्रा, डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सहित अनेक लोग उपस्थित हुए। अप्रैल माह का दूसरा अनाज वितरण चौथे रविवार, 22 तारीख को प्रातः 10 बजे से किया जायेगा।

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