कोई भी भूखा न सोये की संकल्पना के साथ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 13 अक्टूबर
2015 में अनाज बैंक के रूप में एक पहल हुई. अपनी तीन वर्षीय अवधि
में ही अनाज बैंक ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई.
इस अवधि में अनाज बैंक द्वारा महज अनाज वितरण का कार्य ही नहीं किया गया वरन
लगातार अपने विस्तार की ओर भी कार्य किया गया. अनाज बैंक ने वाराणसी से बाहर निकल
कर देश की राजधानी दिल्ली में अपनी शाखा का विस्तार किया तो भूख से लड़ रहे बुन्देलखण्ड
क्षेत्र में भी अपनी शाखा को उरई में स्थापित किया. विस्तार के इसी क्रम में
विश्व के पहले अनाज बैंक की कल्पना और उसके शिल्पकार विशाल भारत संस्थान के संस्थापक-अध्यक्ष
डॉ० राजीव कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक बैठक आहूत हुई. इस बैठक में अनाज बैंक
के बुन्देलखण्ड जोन की महाप्रबंधक डॉ० अमिता सिंह को अनाज बैंक का निदेशक मनोनीत
किया गया.
अंतरराष्ट्रीय अनाज परिषद का गठन
बैठक
में अनाज बैंक के विस्तार पर चर्चा करते हुए इसे वैश्विक आधार प्रदान किया गया.
इसके चलते अंतरराष्ट्रीय अनाज परिषद् एवं राष्ट्रीय अनाज परिषद् का भी गठन किया गया.
अनाज बैंक के प्रति निष्ठा एवं समर्पण को देखते हुए संस्थान के अध्यक्ष एवं अनाज बैंक
के चेयरमैन डॉ० राजीव श्रीवास्तव ने डॉ० अमिता सिंह को अनाज बैंक का निदेशक {प्रबंधन एवं विस्तार} मनोनीत किया. इस महती
जिम्मेवारी के बाद डॉ० अमिता सिंह पूरे देश के अनाज बैंक के प्रबंधन की जिम्मेदारी
संभालेंगी. इसी के साथ डॉ० अमिता सिंह अनाज बैंक की केन्द्रीय टीम के रूप
में भी कार्य करेंगी.
गरीब को अनाज का मुफ्त वितरण
अनाज
बैंक विशुद्ध रूप से एक बैंक की भांति कार्य करता है. यहाँ दानदाताओं और दान प्राप्तकर्ताओं
का एक खाता खोला जाता है. समाज के सहयोगीजन स्वेच्छा से अनाज बैंक में विभिन्न प्रकार
के अनाज के द्वारा सहयोग दिया करते हैं. समाज से प्राप्त सहयोगी अनाज को अनाज बैंक
द्वारा भौतिक सत्यापन के बाद चिन्हित गरीबों को प्रतिमाह वितरित किया जाता है. इसके
लिए अनाज बैंक द्वारा किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है. अनाज बैंक की इस अनूठी
संकल्पना से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बुंदेलखंड इलाके में गरीबों एवं वंचितों
में आशा की एक नयी किरण ने जन्म लिया है.
बुन्देलखण्ड
की उरई शाखा ने एक वर्ष से कम समय में ही अपने कार्य की पारदर्शिता और ईमानदारी से
अनाज बैंक की केन्द्रीय टीम के मध्य विश्वसनीयता बनाई. इसी का सुखद परिणाम यह हुआ
कि अनाज बैंक, बुन्देलखण्ड जोन की महाप्रबंधक डॉ० अमिता सिंह जी को निदेशक की
जिम्मेवारी प्रदान की गई. उनके निर्देशन में अपेक्षा है कि न केवल बुन्देलखण्ड वरन
देश के तमाम हिस्सों से भूख सम्बन्धी समस्या का समाधान होगा और कोई भी भूखा न
सोये का उद्देश्य प्राप्त किया जा सकेगा.
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