Sunday 9 September 2018

इन्द्रेश कुमार जी के द्वारा अनाज बैंक के क्षेत्रीय कार्यकाल का उदघाटन


कोई भी भूखा न सोये, इस उद्देश्य के साथ काशी में सबसे पहले अनाज बैंक की अवधारणा शुरू हुई। देश में ही नहीं वरन समूचे विश्व में यह अपनी तरह का पहला बैंक है जहाँ लेन-देन, जमा-निकासी सबकुछ अनाज के रूप में होता है। इस बैंक में संतोष के रूप में ब्याज मिलता है और यहाँ काम करने वालों को दुआओं-आशीर्वाद का वेतन मिलता है। यही वो ब्याज और धन है जिसके चलते इन्सान को पुण्य मिलता है। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के केन्द्रीय पदाधिकारी पूज्य इन्द्रेश कुमार जी ने व्यक्त किये। वे आज उरई स्थित अनाज बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित थे। विश्व के पहले अनाज बैंक के संस्थापक डॉ० राजीव श्रीवास्तव की प्रेरणा से बुन्देलखण्ड का पहला अनाज बैंक उरई में डॉ० अमिता सिंह के नेतृत्व में नवम्बर 2017 से कार्य कर रहा है। इसके बारे में बोलते हुए माननीय इन्द्रेश जी का कहना था कि अनाज बैंक की केन्द्रीय टीम का यह निश्चय है कि अनाज बैंक का पहले सञ्चालन देखा जायेगा। छह माह तक सुचारू रूप से कार्य करने के बाद ही उसका लोकार्पण किया जाता है। भूखों को अनाज वितरण सम्बन्ध में उनका कहना था कि हमारा देश ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व भूख की समस्या से पीड़ित है। ऐसे में भरे पेट वालों की जिम्मेवारी बनती है कि वह आगे आये और एक-एक परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करे। बुन्देलखण्ड में भी भूख की समस्या बनी हुई है। उसी को दूर करने की दृष्टि से अनाज बैंक का सञ्चालन यहाँ किया गया है।


इससे पूर्व पूज्य इन्द्रेश जी ने अनाज बैंक का उद्घाटन माँ सरस्वती के चित्र, परम पावन नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन करके तथा फीता काटकर किया। इसके साथ ही उन्होंने हंगर कार्ड, अनाज मुद्रा और अनाज बैंक चेक का भी लोकार्पण किया। इसके द्वारा अनाज वितरण में, भोजन वितरण में और भी आसानी आएगी। मीडिया से वार्ता करते हुए पूज्य इन्द्रेश जी ने बताया कि अनाज बैंक के कार्य को देखकर यूएनओ की एक टीम ने आकर संपर्क किया और वैश्विक स्तर पर भूख की समस्या को दूर करने सम्बन्धी मॉडल स्थापित करने में सहयोग माँगा है। इसके अलावा उन्होंने मीडिया को बताया कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच और विशाल भारत संस्थान मिलकर अभी तक चार हजार से अधिक परिवारों को विशेष स्थिति में अनाज वितरित कर चुका है। इसके अलावा सोलह सौ परिवारों को नियमित रूप से अनाज वितरित किया जाता है। इसके साथ-साथ गरीब बेटियों के विवाह के लिए भी कार्य किया जा रहा है। अपने चार प्रकल्पों की चर्चा करते हुए इन्द्रेश जी ने बताया कि बालक-बालिकाओं के लिए शिक्षा सहायता योजना का सञ्चालन भी किया जा रहा है। इसके अंतर्गत बस्ता, किताबें, ड्रेस आदि का वितरण करने के साथ-साथ अत्यंत गरीब बच्चों की फीस की भी व्यवस्था की जाती है। अभी दो हजार से अधिक बच्चों को इससे लाभान्वित किया जा चुका है। दूसरे प्रकल्प के रूप में तलाक पीड़ित महिलाओं के लिए सहायता उपलब्ध कराइ जा रही है। इसमें नियमित दस साल तक आर्थिक सहायता करने की योजना है। अभी तक सौ से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। तीसरे विकल्प के रूप में गरीब, जरूरतमंद बेटियों के विवाह का प्रावधान है। इसमें उनको आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ अन्य जरूरत के सामान की उपलब्धता करवाई जाती है। चौथा प्रकल्प खुदाई खिदमतगार समिति की स्थापना है। बुन्देलखण्ड में जल्द ही इन प्रकल्पों के आरम्भ किये जाने पर विचार किया जायेगा।


अनाज बैंक के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीवास्तव जी ने अपने उद्बोधन में उरई शाखा की तारीफ करते हुए कहा कि यहाँ जिस अनुशासन से कार्य हो रहा है वह प्रशंसनीय है। इसी तरह से एक नेतृत्व में, अनुशासनात्मक रूप में कार्य करने से ही सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय का आव्हान करते हुए कहा कि आप सभी प्रतिमाह अनाज बैंक को अपनी सहायता उपलब्ध करा कर गरीब परिवारों की मदद कर सकते हैं। जिस तरह का अनुशासन, कार्य के प्रति समर्पण, प्रतिबद्धता यहाँ देखने को मिल रही है उससे विशाल भारत संस्थान यहाँ शिक्षा के क्षेत्र में भी सकारात्मक कार्य करने की योजना रखता है। यदि जनपद के लोगों का सहयोग मिलेगा तो जल्द ही यहाँ माननीय इन्द्रेश जी के निर्देशन में विश्वविद्यालय आरम्भ किया जा सकता है। यदि शिक्षा व्यवस्था अच्छी होगी तो निश्चित ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और उससे भूख जैसी समस्या से निपटने में आसानी होगी।



अनाज बैंक बुन्देलखण्ड जोन की महाप्रबंधक डॉ० अमिता सिंह ने कहा कि उन्होंने अनाज बैंक काशी की के कार्य और संकल्प से प्रभावित होकर अपनी छोटी बहिन अनिला सिंह की स्मृति में इसे आरम्भ किया था। यह सभी बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद है कि आज अस्सी के आसपास महिलाएं अनाज बैंक से लाभान्वित हो रही हैं। और आज हम सबको माननीय इन्द्रेश जी का आशीर्वाद भी मिला। अनाज बैंक, उरई की शाखा निरन्तर सकारात्मकता के साथ कार्य करती रहेगी और कभी भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगी। इस अवसर पर परम पूज्य इन्द्रेश कुमार जी ने जनपद के दो सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया। इसमें विधवा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विडो क्लब की संस्थापक कौशल्या राज जी को सम्मानित किया गया। उनके इस क्लब के माध्यम से लगभग सत्तर महिलाएं प्रति रविवार एकत्र होकर उनके विचारों का लाभ उठाती हैं। इसके साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे डॉ० रविकांत शाक्या जी को भी सम्मानित किया गया। ट्री मैन के नाम से प्रसिद्द रविकांत लगातार न केवल पौधारोपण करवा रहे हैं वरन उनकी देखभाल भी कर रहे हैं।



कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को माननीय इन्द्रेश कुमार जी के साथ पारिवारिक बच्चों दुष्यंत सिंह राणावत, हर्षिता सिंह, पौरिक सिंह राणावत, पौरवी सिंह राणावत, वरुणा सिंह तथा उपस्थित जनप्रतिनिधियों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों ने, जनपद के बुद्धिजीवियों ने भी अनाज वितरण में सहयोग किया। उद्घाटन के पश्चात् इन्द्रेश कुमार जी द्वारा पौधारोपण करके स्मृति भी स्थापित की तथा पर्यावरण संरक्षण का सन्देश भी दिया। डॉ० राजीव जी के नेतृत्व में काशी की टीम धनञ्जय सिंह, मृदुला जायसवाल, तंजीम, नाजमा परवीन आदि सदस्य भी उपस्थित रहे। उद्घाटन के इस अवसर पर जिला संघ चालक संतोष त्रिपाठी, प्रयाग नारायण त्रिपाठी, डॉ० प्रभात कुमार, डॉ० आदित्य कुमार, डॉ० अजय सक्सेना, डॉ० राकेश नारायण द्विवेदी, डॉ० के०सी० गुप्ता, ब्रह्मानंद खरे, सुभाष चंद्रा, ब्रजभूषण सिंह मुन्नू, डॉ० राकेश द्विवेदी, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, कालपी विधायक नरेन्द्र सिंह जादौन, माधौगढ़ विधायक मूलचंद्र निरंजन, दिनेश चतुर्वेदी,  डॉ० प्रवीण सिंह जादौन, गणेश शंकर त्रिपाठी, ओंकार पिंडारी, धर्मेन्द्र कुमार, रोहित ठाकुर, निशा सिंह, डॉ० विश्वप्रभा त्रिपाठी, डॉ० रचना श्रीवास्तव, अरुण कुमार सिंह, दीपक कुमार, दिगंबर नारायण तिवारी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ० प्रभात कुमार ने तथा सञ्चालन डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने किया।

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